Ashta News : आष्टा में मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही नदियां लबालब, पुल टूटे, किसानों की फसलें ताजा अपडेट्स

Ashta News : आष्टा, सीहोर (मध्य प्रदेश), 22 अगस्त 2025: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा क्षेत्र में पिछले एक हफ्ते से जारी लगातार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां और नाले उफान पर हैं, खेतों में पानी भर गया है, और कई गांवों में पुलियां टूटने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हमने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बात की, तो पता चला कि ये बारिश भले ही मानसून की कमी पूरी कर रही हो, लेकिन इसका असर विनाशकारी साबित हो रहा है।

बारिश का सिलसिला

आष्टा और आसपास के इलाकों में शुक्रवार सुबह से ही झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आज सुबह 8 बजे तक 20 मिलीमीटर पानी बरसा, जो सामान्य से ज्यादा है। इस पूरे मानसून सीजन में अब तक कुल 616 मिलीमीटर (करीब 24.5 इंच) बारिश दर्ज की गई है। पिछले साल इसी समय तक ये आंकड़ा 784 मिलीमीटर (31 इंच से अधिक) था, यानी इस साल कम बारिश हुई है, लेकिन लगातार और तेज होने की वजह से समस्या बढ़ गई है।


सिद्धिगंज, खाचरोद, कोठरी, डोडी और मेना जावर जैसे गांवों में पिछले 7-8 दिनों से रुक-रुक कर पानी गिर रहा है। “ये बारिश अब बोझ बन गई है,” कहते हैं खाचरोद के राम सिंह, जिनके गांव की पुलिया दो दिनों की तेज बारिश में बह गई। “अब बाजार जाना हो या अस्पताल, सब मुश्किल हो गया है। प्रशासन को जल्दी मरम्मत करानी चाहिए।”

नदियों का उफान

बारिश का सबसे ज्यादा असर नदियों पर पड़ा है। पार्वती, पपनास और दूधी नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, और कई जगहों पर ये ओवरफ्लो कर रही हैं। खाचरोद इलाके में तो हालात और गंभीर हैं – कई पुलियां टूट चुकी हैं, जिससे भंवरा, बगैर, ढकनी, मुगली, बापचा, सिद्धिगंज, बिलपान, डोडी, मेना, बेदखेड़ी और कोठरी जैसे गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। ग्रामीणों को नावों या पैदल जोखिम भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है।

खेतों में जलभराव

किसानों के लिए ये बारिश दोहरी मार है। खेतों में पानी भरने से जलभराव की स्थिति बन गई है, जो सोयाबीन, मक्का और अन्य खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि, कुछ किसान आशावादी हैं। कोठरी के रामचंद्र सिंह कहते हैं, “अभी तक फसलों को बड़ा नुकसान नहीं हुआ क्योंकि बारिश रुक-रुक कर हो रही है। लेकिन अगर ये सिलसिला जारी रहा तो सब बर्बाद हो सकता है।” विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ड्रेनेज सिस्टम मजबूत होता तो ये समस्या कम होती।

मौसम का पूर्वानुमान

मौसम विज्ञानी एस.एस. तोमर ने चेतावनी दी है कि मौसम का सिस्टम अभी सक्रिय है। “अगले एक हफ्ते तक रुक-रुक कर बारिश जारी रह सकती है,” उन्होंने कहा। IMD के मुताबिक, मध्य प्रदेश में मानसून अभी मजबूत है, और सीहोर जिले में औसत से ज्यादा पानी गिरने की संभावना है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि नदियों के किनारे न जाएं, और घरों में रहकर सावधानी बरतें।

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